1. Introduction
2. International rice genome sequencing project ( IRGSP)
3. sequencing strategy
4. Conclusion
5. Reference
1. Introduction - चावल एक असाधारण वनस्पति है जो विश्व की लगभग आधी आबादी को विशेष रुप से एशिया अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका को भोजन उपलब्ध कराता है। इसे पकाना भी आसान है तथा इसमें Lysine को छोड़कर मानव के लिए आवश्यक अन्य सभी Amino acid पाए जाते हैं। एशिया के लोगों के दैनिक जीवन में इसका उपयोग गहराई तक समया हुआ है। चावल की उत्पत्ति लगभग 14 मिलियन वर्ष पूर्व आज के दक्षिण-पूर्व एशिया एवं फिलिपिंस में हुई। अतः इसकी खेती का इतिहास बहुत पुराना है।
चावल एक monocarpic पौधा है। जिसकी लंबाई 1- 1.8 मीटर तथा पत्तियों की लंबाई 50 - 100 cm एवं चौड़ाई 2 - 25 cm होती है। इसके पुष्प छोटे होते हैं। जिनका परागण वायु द्वारा होता है। जो घासो के लिए लाक्षणिक है। इनका बीज एक दाना होता है। जिसकी लंबाई 5 - 12 mm तथा मोटाई 3 mm होती है। चावल ओराइजा की 2 जातियां मानव पोषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है - 0. sativa जो संपूर्ण विश्व में तथा 0.glaberrima ( अफ्रीकन चावल ) जो पश्चिमी अफ्रीका के कुछ भागों में उगाई जाती है। 0.sativa की दो प्रमुख उप.जातियां है लंबे बालों वाली ओ. सटाईवा इंडिका जैसे बासमती चावल एवं छोटे दानों वाली चिपचिपी ओ. सटाईवा जैपोनिक इंडिका चावल संपूर्ण उष्णकटिबंधीय एशिया में तथा जैपेनिका चावल शीतोष्ण पूर्वी एशिया, दक्षिण पश्चिम एशिया में शुष्क भूमि में उगाई जाती है। एक तीसरी उप.जाति जैपेनिका भी है। जिसे अब कुशणकटिबंधीय जैपोनिका के रूप में जाना जाता है।
चावल अनाजों के लिए एक Modal species है। तथा DNA अनुक्रम के लिए एक अच्छा पात्र भी है। इसका जीनोम size 400 - 430 kb है। जो कि प्रमुख अनाजों में सबसे छोटा परंतु चट्टानी चनसुर Arabidopsis येलियाना से 3 गुना बड़ा है। अन्य अनाजों के पौधों की तुलना में चावल एक आसानी से आनुवंशिक रूपांतरण किया जा सकता है।
2. International rice genome sequencing project ;
IRGSP : - अंतरराष्ट्रीय चावल जीनोम अनुक्रमण परियोजना ( IRGSP ) की शुरुआत सितंबर 1990 में एक कार्यशाला में हुई जो सिंगापुर में plant molecular biology आयोजित international symposium के संयोजन में संपन्न हुई। इस कार्यशाला में अनेक देशों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया तथा इसमें चावल जिनोम के अनुक्रमण हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग हेतु सहमति बनी। इसी के परिणाम स्वरूप 6 महीने बाद दिशा निर्देशों (guidlines) के स्थापना हेतु सुदूबा, जापान, कोरिया, चीन, इंग्लैंड तथा अमेरिका के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई। सभी प्रतिनिधियों के बीच सामग्री साझा करने physical maps एवं सटीक DNA अनुक्रम को समय से सार्वजनिक डेटाबेस को उपलब्ध कराने पर आम सहमति बनी। IRGSP मे कुल 11देश तथा IRGSP कार्यकारी समूह जिसमें सभी भाग लेने वाले देशों से एक-एक प्रतिनिधि शामिल है। सबसे नया सदस्य ब्राजील है। जिसमें बारहवे गुणसूत्र पर कार्य करने का प्रस्ताव दिया है।
TABEL - गुणसूत्रीय अनुक्रमण में भाग लेने वाले देश
Chromosome. Country
1. Japan , korea
2. United Kingdom,canada
3. USA
4. China
5. Taiwan
6. Japan
7. Yet to be proposed
8. Yet to be proposed
9. Thailand
10. USA
11. India, USA
12. France, Brazil
3. Sequencing strategy : -. IRGSP के अंदर अनेक बिंदुओं पर रणनीति बनाई है। जैसे अनुक्रमण की अनुकूलतम विधि, अनुक्रमीत की जाने वाली चावल की Rice caltivar accuracy तथा अनुक्रम जारी करने की नीति आदि। अनुक्रमण हेतु DNA के स्त्रोत के लिए चावल को केवल एक किस्म का चयन किया गया क्योंकि चावल की बोई जाने वाली किस्मों की अनुवांशिक पुष्णभूमि में भिन्नता पाई जाती है। अतः इस परियोजना के लिए जैपोनिका उप.जाति की Japonica cultivar, Nipponbare किस्म का चयन किया गया। यह किस्म चावल Genoma research program में EST अनुक्रमण एवं YAC भौतिक मानचित्र के निर्माण में प्रयुक्त की जा रही थी। अतः संपूर्ण IRGSP द्वारा समान नमूने के लिए निप्पोनणेयर का चयन किया गया।
4. Conclusion :- Rice genome की उपलब्धता सामुदायिक एनोटेशन और अन्य संसाधनों के साथ जिन्होंने कार्यक्षमता को जोड़ा अनुवांशिकी अनुसंधान और चावल प्रजनन को बदल दिया। इसे कई तरीकों से नापा जा सकता है लेकिन जीन क्यूटियेल में वृद्धि इसका सीधा उपाय है।
5.Reference -:
1. यूनीप्रोट कंसोर्टियम। (2019) यूनीप्रोट: प्रोटीन ज्ञान का एक विश्वव्यापी केंद्र न्यूक्लिक एसिड रेस।
2. अरंडा बी एट अल। (2010) इंटएक्ट मॉलिक्यूलर इंटरेक्शन डेटाबेस इन 2010
3. जस्सल बी एट अल। (2020) रिएक्टोम पाथवे नॉलेजबेस न्यूक्लिक एसिड रेस ।
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