PCR (पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) का सिद्धांत
PCR (Polymerase Chain Reaction) एक तकनीक है जो किसी विशिष्ट डीएनए अनुक्रम (DNA sequence) को तेजी से गुणा (amplify) करने के लिए उपयोग की जाती है। यह प्रक्रिया डीएनए की हजारों-लाखों प्रतियां कुछ ही घंटों में बना सकती है।
PCR का मूल सिद्धांत
PCR की प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों पर आधारित होती है:
1. डीनैचुरेशन (Denaturation) – 94-98°C
👉 इस चरण में डीएनए के दोहरे (Double-stranded DNA) स्ट्रैंड को उच्च तापमान (94-98°C) पर गर्म किया जाता है।
👉 इससे हाइड्रोजन बॉन्ड टूट जाते हैं, और डीएनए के दो सिंगल-स्ट्रैंड बन जाते हैं।
2. एनीलिंग (Annealing) – 50-65°C
👉 अब तापमान 50-65°C तक कम किया जाता है, जिससे प्राइमर (Primers) डीएनए के विशिष्ट भाग से जुड़ जाते हैं।
👉 प्राइमर छोटे डीएनए टुकड़े होते हैं जो DNA Polymerase को सही स्थान पर डीएनए जोड़ने में मदद करते हैं।
3. एक्सटेंशन (Extension) – 72°C
👉 अब DNA Polymerase एंजाइम (ज्यादातर Taq Polymerase), डीएनए के सिंगल-स्ट्रैंड पर न्यूक्लियोटाइड (A, T, G, C) जोड़ता है और नया DNA स्ट्रैंड बनाता है।
👉 यह प्रक्रिया 72°C पर होती है।
चक्र (Cycle) दोहराना
👉 यह तीन चरणों का चक्र 30-40 बार दोहराया जाता है।
👉 प्रत्येक चक्र के बाद डीएनए की संख्या दोगुनी हो जाती है।
PCR (पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) का महत्व (importance and application)
PCR (Polymerase Chain Reaction) एक अत्यधिक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसका उपयोग चिकित्सा, जैव प्रौद्योगिकी, फॉरेंसिक और शोध में किया जाता है। यह किसी विशिष्ट डीएनए अनुक्रम को तेजी से बढ़ाने (Amplify) में मदद करता है।
1. चिकित्सा (Medical Diagnosis) में उपयोग
✅ रोगों की पहचान – बैक्टीरिया, वायरस (जैसे HIV, COVID-19, ट्यूबरकुलोसिस) और आनुवंशिक रोगों की पहचान में मदद करता है।
✅ कैंसर की जांच – कैंसर से जुड़े जीन उत्परिवर्तन (mutation) का पता लगाने में सहायक।
✅ Gene Therapy – आनुवंशिक बीमारियों के इलाज में डीएनए विश्लेषण के लिए आवश्यक।
2. फॉरेंसिक विज्ञान (Forensic Science) में उपयोग
✅ अपराधियों की पहचान – अपराध स्थलों से प्राप्त डीएनए के विश्लेषण में मदद करता है।
✅ लापता लोगों की खोज – मानव अवशेषों की पहचान में सहायक।
✅ पैतृक पहचान (Paternity Test) – बच्चे और माता-पिता के बीच जैविक संबंध की पुष्टि करता है।
3. जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) और आनुवंशिक अनुसंधान
✅ डीएनए क्लोनिंग – जीन क्लोनिंग और जेनेटिक इंजीनियरिंग में मदद करता है।
✅ GM फसलों का विकास – आनुवंशिक रूप से संशोधित (Genetically Modified) पौधों और फसलों के निर्माण में सहायता।
✅ विकास और आनुवंशिक विविधता का अध्ययन – जीवों के डीएनए अनुक्रमों की तुलना करने में मदद करता है।
4. COVID-19 और अन्य संक्रामक रोगों की जांच
✅ RT-PCR टेस्ट – COVID-19 वायरस की पहचान के लिए सबसे प्रभावी तरीका।
✅ अन्य वायरस और बैक्टीरिया की जाँच – PCR का उपयोग डेंगू, इन्फ्लूएंजा और अन्य संक्रमणों के परीक्षण में किया जाता है।
5. पर्यावरण विज्ञान में उपयोग
✅ जीवाणुओं और वायरस का पता लगाना – जल, मिट्टी और वायु में रोगजनकों की जांच करता है।
✅ जीवाश्म डीएनए अध्ययन – प्राचीन जीवों के डीएनए का विश्लेषण करने में मदद करता है।
PCR (पॉलिमरेज़ चेन रिएक्शन) की प्रक्रिया (Mechanism)
PCR एक इन विट्रो (In vitro) तकनीक है, जिसमें डीएनए के विशिष्ट भाग को तेजी से गुणा (Amplify) किया जाता है। इसकी प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है और यह चक्र (Cycle) 30-40 बार दोहराया जाता है।
PCR की प्रक्रिया (Steps of PCR Mechanism)
1. डीनैचुरेशन (Denaturation) – 94-98°C
📌 डीएनए को गर्म किया जाता है ताकि उसका डबल-स्ट्रैंड (Double-stranded DNA) टूटकर सिंगल-स्ट्रैंड (Single-stranded DNA) बन जाए।
📌 यह चरण 94-98°C तापमान पर 20-30 सेकंड तक चलता है।
📌 इससे हाइड्रोजन बॉन्ड टूट जाते हैं और डीएनए के दोनों स्ट्रैंड अलग हो जाते हैं।
2. एनीलिंग (Annealing) – 50-65°C
📌 टेम्पलेट डीएनए (Template DNA) से प्राइमर (Primers) जुड़ते हैं।
📌 तापमान 50-65°C तक घटाया जाता है ताकि प्राइमर डीएनए के विशिष्ट स्थान से जुड़ सकें।
📌 यह चरण 20-40 सेकंड तक रहता है।
📌 प्राइमर वह छोटा डीएनए टुकड़ा है जो DNA Polymerase को नया डीएनए बनाने का संकेत देता है।
3. एक्सटेंशन (Extension) – 72°C
📌 इस चरण में Taq Polymerase एंजाइम (एक प्रकार का डीएनए पॉलिमरेज़) नए न्यूक्लियोटाइड (A, T, G, C) जोड़ता है।
📌 यह प्रक्रिया 72°C पर होती है।
📌 DNA Polymerase सिंगल-स्ट्रैंड पर न्यूक्लियोटाइड जोड़कर नए डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए बनाता है।
📌 यह चरण लगभग 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहता है।
4. चक्र (Cycle) दोहराना
📌 ऊपर दिए गए तीन चरणों को 30-40 बार दोहराया जाता है।
📌 प्रत्येक चक्र के बाद डीएनए की संख्या दोगुनी हो जाती है।
📌 30 चक्र के बाद, 1 डीएनए से लगभग 1 अरब प्रतियां बन जाती हैं।
PCR के लिए आवश्यक घटक (Components Required for PCR)
✅ टेम्पलेट डीएनए (Template DNA) – वह डीएनए जिसे गुणा करना है।
✅ प्राइमर (Primers) – छोटे डीएनए टुकड़े जो लक्ष्य डीएनए से जुड़ते हैं।
✅ Taq Polymerase – डीएनए निर्माण करने वाला एंजाइम (यह गर्मी सहन कर सकता है)।
✅ न्यूक्लियोटाइड्स (dNTPs) – A, T, G, C जो नया डीएनए बनाने में मदद करते हैं।
✅ PCR बफर (Buffer Solution) – प्रतिक्रिया को स्थिर बनाए रखता है।
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