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genetic engineering and it's applications

Synopsis  :-
1. Introduction
2. Definition
3. Genetically modified organisms
4. Process
5. Application
6. Conclusion
7. Reference

1. Introduction :-  genetic किसी जीव के genome में हस्तक्षेप कर उसे परिवर्तित करने की तकनीकों व प्रणालियो तथा उनमें विकास व अध्ययन की चेष्टा का सामूहिक नाम है। मानव प्राचीन काल से ही पोधो व जीवो की प्रजनन क्रियाओं में हस्तक्षेप करके उनमें नस्लों को विकसित करता आ रहा है। (जिसमे लम्बा समय लगता है ) लेकिन इसके विपरित genetic engineering मे सीधा आण्विक स्तर पर रासायनिक और अन्य जैव प्रौद्योगिकी विधियों से ही जीवो का जीनोम बदला जाता है । प्रयोग अनुवांशिक अभियांत्रिकी द्वारा प्रकृति में न पाए जाने वाले कई जीव लक्षणों को बनाया जा चुका है, मसलन कुछ जेवमछली अंधेरे में स्वयं प्रजलित होती हैं और इनसे DNA लेकर खरगोश शोशुओ का genome बदलने से रात्री में चमकने वाले खरगोश बनाए गए हैं। इन तकनीकों से कोई अनुवांशिक रोगों का उपचार हों सकते की आशा है यह एक नई औद्योगिक क्रांति का अग्रदूत समझा जाने लगा है, जिस कारणवश कई देशों की सरकारे इसे विकसित करने के लिए निवेश कर रही हैं।

2.Defination :- Genetic engineering एक अत्यन्त महत्वपूर्ण आविष्कार है।genetic manipulation द्वारा किसी भी प्राणी के genome के हेर फेर की ही जनन विज्ञान अभियांत्रिकी मेकप बदलने के लिए भीतर और प्रजातियों की सीमाओं के पार जीनों का स्थानांतरण सुधार या उपन्यास जीवो का उत्पन्न करने सहित इस्तेमाल प्रोद्योगिकियो का एक सेट है। नए DNA पहले अलग अलग करने और आण्विक क्लोनिंग तरीकों का उपयोग कर एक DNA अनुक्रम उत्पन्न करने के लिए व्यास की अनुवांशिक सामग्री को कॉपी करके मेजबान genome ( host DNA) में डाला जा सकता है। या DNA संश्लेषण और फिर डालने और फिर इस मेजवान जीव के निर्माण के द्वारा जीन हटाया जा सकता है। और बैक्टीरिया तो उन जीवों को वयक्त करेंगे। इन जीन दवाओं या एंजाइमों कि भोजन और अन्य सबस्ट्रेट पर कार्यवाई के लिए कोड कर सकते हैं। पौधो कीट संरक्षण, शाक प्रतिरोध, वायरस प्रतिरोध, बढ़ाया पोषण, सहिष्णु दबाव में पर्यावरण के लिए और खाद्य टीको के उत्पादन के लिए संशोधित किया गया है। 
अधिकांश GMO के किट प्रतिरोधी वाणिज्यीकरण किया जाता हैं। और शाक सहिष्णु फसल पोधो । अनुवांशिक रूप से संशोधित पशुओं अनुसंधान,मॉडल जानवरो और कृषि या दवा उत्पादों के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया।

3.Genetically modified organisms  : पौधो, जानवरो की genetic engineering के माध्यम से बदल दिया है अनुवांशिक रूप से संशोधित जीवों में कहा जाता हैं। जीवाणु में जीवों को अनुवांशिक रूप से संशोधित  करने  के लिए कर रहे थे। plasmid DNA नए gene से युक्त बैक्टीरिया कोशिका में डाला जा सकता हैअधिकांश GMO के किट प्रतिरोधी वाणिज्यीकरण किया जाता हैं। और शाक सहिष्णु फसल पोधो । अनुवांशिक रूप से संशोधित पशुओं अनुसंधान,मॉडल जानवरो और कृषि या दवा उत्पादों के उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया।

4. Process :-  1. सबसे पहले एक जीव है कि स्वाभाविक रूप से वांछित विशेषता शामिल है।
2. DNA को जीव से निकाला जाता है। इस पूरे रसोई की किताब बाहर लेने की तरह है।
3. एक वांछित जीन स्थिर है। और जिनके हजारों है की निकाले गए थे। जिसे नकल किया जाना चाहिए। इसे जीन क्लोसिंग कहा जाता है।
4. जीन प्राप्तकर्ता जीव के अंदर एक बाद एक अधिक वांछनीय तरीके से काम करने के लिए थोड़ा संशोधित किया जा सकता है।
5. नए जीन एक ट्रांसजीन बुलाया प्राप्तकर्ता जीन की कोशिकाओं में कर दिया है। इसे बदलाव कहा जाता है। सबसे आम परिवर्तन तकनीक अपने स्वयं के DNA के साथ एक बैक्टीरिया है। कि स्वाभाविक रूप से आनुवांशिक रूप से इंजीनियर पौधों का उपयोग करता है। ट्रांस दिल भी दिया है, जो तब जीव की कोशिकाओं में यह ऊद्वार में डाला जाता है, एक और तकनीक जिन बंदूक विधि कहा जाता है, शूक्षम सोने के कणों प्राप्तकर्ता जीव की कोशिकाओं में ट्रांसजीन की प्रतियों के साथ लेपित गोली मारता है। या तो तकनीक के साथ आनुवांशिक इंजीनियरों जहां या यदि ट्रांसजिन जीनोम में सम्मिलित करता है। पर कोई नियंत्रण नहीं है। नतीजतन यहां बस कुछ भी ट्रांसजेनिक जीवों को प्राप्त करने के प्रयास से सैकड़ों लेता है।
6. एक बार एक ट्रांसजेनिक जीव बनाया गया है, पारंपरिक प्रजनन अंतिम उत्पाद की विशेषताओं में सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता है। तो जेनेटिक इंजीनियरिंग पारंपरिक प्रजनन के लिए समाप्त करने की जरूरत नहीं है। यह बस पुल के लिए नए नए लक्षण जोड़ने के लिए एक रास्ता है।

5. Application : - 1. Medicine
                             2. Manufacturing
                             3. Research
                             4. Gene therapy
                             5. Industrial
                             6. Agriculture
                             7. Protection
                             8. Entertainment.

Genetic engineering  में दवा अनुसंधान उद्योग कृषि में अनुप्रयोग है और इसका उपयोग पौधों, जानवरों और सुक्षमजीवो की एक विस्तृत श्रृंखला पर किया जा सकता है। जीवाणुओं आनुवंशिक रूप से संशोधित होने वाले पहले जीवो में Plamid DNA डाला जा सकता है जिसमें नए जीन होते हैं। जो दवाओ या engymes के लिए कोड होते हैं। जो भोजन और अन्य Substrates को संशोधित करते हैं। पौधों को कीट सरक्षा, शाकनाशी प्रतिरोध, वायरस प्रतिरोधी, उन्नत पोषण, पर्यावरणीय दबाव के प्रति सहिष्णुता और खाद्य टीको के उत्पादन के लिए संशोधित किया गया है अधिकांश व्यवसायिकृत GMO किट  प्रतिरोधी या शाकनाशी सहिष्णु फसल पौधे हैं। आनुवंशिक रूप से संशोधित जानवरों का उपयोग अनुसंधान, मॉडल जानवरों और कृषि या दवा उत्पादों के उत्पादन के लिए किया गया है। आनुवंशिक रूप से संशोधित जानवरों में ऐसे जानवर शामिल है जिनके जिन नॉक आउट हो गए हैं। रोग के प्रति संवेदनशीलता बढ़ गई है। अतिरिक्त वृद्धि के लिए हार्मोन और अनेक दूध में प्रोटीन को व्यक्त करने की क्षमता है।
( i.) दवा : - Genetic engineering मैं दवा के लिए कई अनुप्रयोग है जिनमें दवाओं का निर्माण मानव स्थितियों की नकल करने वाले मॉडल जानवरों का निर्माण और जीन थेरेपी शामिल है।Genetic engineering के शुरुआती उपयोगों में से एक बैक्टीरिया में मानव इंसुली का बड़े पैमाने पर उत्पादन करना था। यह application अब मानव विकास Harmone, कुप उत्तेजक हार्मोन (बांझपन के इलाज के लिए)  मानव एल्ब्यूमिन, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, एंटीहेमोप्लिक कारक टिके और कई अन्य दवाओं पर लागू किया गया है। माउस हाईब्रीडोमा, कोशिकाएं बनाने के लिए एक साथ जुड़ी हुई है। मानव मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बनाने के लिए अनुवांशिक इंजीनियरिंग के माध्यम से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को अनुकूलित किया गया है आनुवांशिक रूप से इंजीनियर वायरस विकसित किए जा रहे हैं, जो अभी भी प्रतिरक्षा प्रदान कर सकते हैं लेकिन संक्रामक अनुक्रमो की कमी है।
           मानव लोगों के पशु मॉडल बनाने के लिए Genetic engineering का भी उपयोग किया जाता है।
( ii.) Industrial : - जीव अपनी कोशिकाओं को एक उपयोगी प्रोटीन जैसे कि एक एंजाइम के लिए जिन कोडिंग के साथ बदल सकते हैं। ताकि वे वाहित प्रोटीन को ओवशएक्सप्रेस कर सके। औद्योगिक किण्वन का उपयोग करके बायोरिएक्टर उपकरण में परिवर्तित जीव को विकसित करके और फिर प्रोटीन को शुद्ध करके प्रोटीन की बड़े पैमाने पर मात्रा का निर्माण किया जा सकता है। कुछ जीन बैक्टीरिया में अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। इसलिए खमीर कीट कोशिकाओं या स्तनधारी कोशिकाओं का भी उपयोग किया जा सकता है इस तकनीकों का उपयोग इसलिए मानव विकास हार्मोन और टिके ट्रिपटोफेन जैसे पूरक दवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है। भोजन के उत्पादन में सहायक ( पनीर बनाने में काईमोसिन ) और ईधन। आनुवांशिक रूप से इंजीनियर बैक्टीरिया के साथ अन्य अनुप्रयोग में उन्हें अपने प्राकृतिक चक्र के बाहर कार्य करना शामिल हो सकता है, जैसे जैव ईंधन बनाना, तेल रिसाव, कार्बन और अन्य जहरीले कचरे को साफ करना और पीने के पानी में आर्सेनिक का पता लगाना। कुछ अनुवाशिक रूप से संशोधित रोगाणुओं का उपयोग उन्हें ऐसे यौगिकों में शामिल करने की क्षमता के कारण बायोमाइनिंग और बायोरेमेडीएशन में भी किया जा सकता है जो अधिक आसानी से पुनप्राप्ति करने योग्य होते हैं।
( iii.) Farming : - Genetic engineering के सबसे प्रसिद्ध और विवादास्पद अनुप्रयोग में से एक आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों या आनुवंशिक रूप से संशोधित पशुधन का निर्माण और उपयोग आनुवंशिक रूप से संशोधित  ओजन का उत्पादन करने के लिए हैं। फसलों का विकास उत्पादन बढ़ाने अजैविक दबावो के प्रति सहनशीलता बढ़ाने, भोजन की संरचना में परिवर्तन करने या नए उत्पादों के उत्पादन के लिए किया गया है।
                          बड़े पैमाने पर व्यावसायिक रूप से जारी की जाने वाली पहली फसलों ने कीटों से सुरक्षा प्रदान कि या शाकनाशियों के प्रति सहनशीलता प्रदान की कवक और विषाणु प्रतिरोधी फसलें भी विकसित की जा चुकी है। या विकास में है। यह फसलों के कीट और खरपतवार प्रबंधन को आसान बनाता है।

6. Conclusion : - अंत में Genetic engineering एवं वैज्ञानिक सफलता है जिसके कारण जैव प्रौद्योगिकी में विकास। Genetic manipulation फसलों की वृद्धि और मानव उपभोग किया गया है वृद्धि विवाद पर परिणामों के संबंध में कम। इस प्रकार नैतिक मुद्दे उत्पन्न होते हैं, वे या निर्धारित करने का प्रयास करते हैं। कि GM फसलें मनुष्य के लिए अच्छी है या बुरी Genitic engineering कर सकते हैं। बहुत सारे खतरे हैं लेकिन इस तरह के डर कम हो जाएंगे जब यह महसूस होगा कि सब कुछ खतरनाक या हानिकारक होने की संभावना है। इस प्रकार DM फसलों के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं विज्ञान से उत्पन्न नैतिक मुद्दों में संबंधित हो सकता है।

7. References : - 
Book name                 scientists name
1.Biotechnology -.      H.K.das
2. Basic biotechnology -  Colin ratledge and bajorn krishtiansen

application of biotechnology in agriculture

Synopsis:
1. Introduction of biotechnology
2. Definition of biotechnology
3.  History
4.  Crop modification techniques
5. Improved nutritional content
6.  Genes and traits of interest for crops
7. Common GMO crops
8 . Safety testing and government regulation.
9. Conclusion
10. Reference

1. Introduction : - Biotechnology एक ऐसी technology है जो सिर्फ प्रयोगशाला में reasearch तक सीमित नहीं हैं। बल्कि इसमें जैविक पदार्थों, पेड़-पौधे, जीव जंतु आदि के माध्यम से New technology का प्रयोग करके विभिन्न खाद्य – पदार्थों, औषधि एवं ऐसी किस्म की प्रजातियां या बीज पैदा करना होता है। जिसके माध्यम से कम लागत में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो।

2. Definition : - Bio यानी जीवीत प्रणाली और Technology मतलब तकनीक। इसके मुताबिक Biotecnology का मतलब है - जीवित प्राणियों पर तकनीक का इस्तेमाल करना होता है।
            इसे निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं -
  “ किसी विशेष उत्पादों या पदार्थों को विकसित करने या बनाने के लिए जीवित प्रणालियों और जीवो का उपयोग किया जाता है। जिसे Biotechnology कहते है।
Biotechnology को हिंदी में जैव प्रौद्योगिकी कहा जाता है। 
दुसरे शब्दो में -
                       “ जैविक कारकों अथवा उनके घटकों के उपयोग द्वारा लाभदायक उत्पादों को औद्योगिक स्तर पर प्राप्त करना है Biotechnology कहते है।”
इसी प्रकार - 
                   सुक्ष्मजीवों जैसे जीवाणु, शैवाल, कवक व  यीस्ट तथा पादप एवं जंतु कोसिकाओ, कोसीकांगो अथवा उत्तको आदि में से किसी भी जीवित तंत्र को मानव समाज के लिए उपयोगी उत्पादों को औद्योगिक स्तर पर प्राप्त करने की प्रक्रिया को जैव प्रौद्योगिकी या Biotechnology कहते हैं ।
 * Agricultural Biotechnology : - Agricultural Biotechnology , जिसे एग्रीटेक के रूप में भी जाना जाता है। कृषि विज्ञान का एक क्षेत्र है। जिसमें जीवित जीवो को संशोधित करने के लिए अनुवांशिक इंजीनियरिंग, आणविक मार्कर, आणविक निदान उत्तक संस्कृति सहित वैज्ञानिक, उपकरणों सहित और तकनीकों का उपयोग शामिल है।
पौधे, जानवर और सूक्ष्मजीव, फसल आदि तथा जैव प्रौद्योगिकी कृषि भी Biotechnology का एक पहलू है। जिसे फिलहाल के दिनों में बहुत विकसित किया गया है। इनमें किसी एक विशेष प्रजाति से दूसरी प्रजाति को उत्पन्न किया जाता है। इन ट्रांसजिन फसलों में स्वाद, फूलों का रंग, प्रतिरोध क्षमता आदि विशेषताएं पाई जाती है।

3.  History : - वांछित लक्षण पैदा करने के लिए किसानों ने हजारों वर्षों से चुनिंदा प्रजनन के माध्यम से पौधों और जानवरों में हेरफेर किया। 20 वी शताब्दी मे Technology मैं वृद्धि के परिणामस्वरुप बढ़ी हुई उपज, कीट प्रतिरोध, सुखा प्रतिरोध और शाकनाशी प्रतिरोध जैसे लक्षणों के चयन के माध्यम से कृषि Biotechnology मे वृद्धि हुई।Biotechnology के माध्यम से उत्पादित पहल खाद्य उत्पाद 1990 में बेचा गया था और 2003 तक 7 मिलियन किसान Biotech फसलों का उपयोग कर रहे हैं इनमें से 85% से अधिक किसान विकासशील देशों में स्थित है।

4. Crop Modification Technology : -
 ( i.) Traditional breeding : - Traditional cross breeding का उपयोग सदियों से फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के लिए किया जाता है। माता पिता के वांछित लक्षणों के साथ एक नई और विशेष किस्म cross breeding बनाने के लिए दो योन संगत प्रजातियों को जोड़ती है।
उदाहरण : - ‘ हनिक्रिस्प सेब ‘
हनिक्रिस्प सेब अपने माता-पिता के cross breeding के कारण एक विशिष्ट बनावट और स्वाद प्रदर्शित करता है।
 ( ii.) Mutagenesis : - उत्परिवर्तन किसी भी जीव के DNA मैं बेतरतीब ढंग से हो सकता है फसलों के भीतर विविधता पैदा करने के लिए वैज्ञानिक असीमित ढंग से पौधों के अंदर उत्परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है। फसलों को बदलने के लिए परमाणु उद्यान का प्रयोग किया जाता है। एक रेडियोधर्मी कोर एक गोलाकार बगीचे के केंद्र में स्थित होता है। और एक निश्चित दायरे के भीतर उत्परिवर्तन पैदा करते हुए आसपास की फसलों को विकिर्ण करने के लिए जमीन से ऊपर उठाया जाता है।
 ( iii.) Polyploidy : - Polyploidy को एक फसल में गुणसूत्रों की संख्या को संशोधित करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। ताकि उसकी उर्वरता और आकार को प्रभावित किया जा सके आमतौर पर जीवो में गुणसूत्रों के दो सेट होते हैं। जो द्विगुणित के रूप में जाना जाता है। कि या तो स्वाभाविक रूप से या रसायनों के उपयोग के माध्यम से गुणसूत्रों की संख्या बदली जा सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप प्रजनन क्षमता में परिवर्तन या फसल के आकार में संशोधन हो सकता है। इस तरह से बीच रहीत तरबूज बनाए या उत्पन्न किए जा सकते हैं।
उदाहरण - एक 4 सेट Chromosome तरबूज को 2 - सेट Chromosome तरबूज के साथ Cross यह जाता है। ताकि Chromosome के तीन सेट के साथ एक बांझ (बीज रहित) तरबूज बनाया जा सके।
( iv.) Protoplast fusion : - Protoplast fusion प्रजातियों जातियों के बीच लक्षणों को स्थानांतरित करने के लिए कोशिकाओं या कोशिका घटकों का जुड़ना है।
उदाहरण - नर बंदिता का लक्षण मूली से लाल गोभी में protoplast सलयान द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। यह नरपत देता पादप प्रजनन को को सुनकर फसलें बनाने में मदद करती है।
 Transgenics : - Transgenics मे नए जिन को मूल जिओ में पेश करने के लिए दूसरे जीव के DNA में DNA के टुकड़े को सम्मिलित करना शामिल है एक जीव की अनुवांशिक सामग्री में जीनों का यह साथ वांछित लक्षणों के साथ एक नई किस्म बनाता है।
उदाहरण - इंद्र्धनुस पपीता ।
                                       जिसे एक जीन के साथ संशोधित किया जाता है। जो इसे पपीता रिंगस्पॉट वायरस का प्रतिरोध देता है।
( v.) Genome editing : - Genone संपादन कोशिका के भीतर सीधे DNA को संशोधित करने के लिए एक एंजाइम प्रणाली का उपयोग है किसानों को खरपतवारो को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए Genome editing का उपयोग हर्बिसाईड प्रतिरोधी केनोला विकसित करने के लिए किया जाता है।

5. Improved Nutritional Content : - बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के प्रयास में विभिन्न प्रकार की फसलों की पोषण सामग्री में सुधार के लिए Agricultural Biotechnology का उपयोग किया जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग विटामिन की उच्च सांद्रता वाली फसलों का उत्पादन कर सकती है।
उदाहरण - गोल्डन राइस में तीन जिन होते हैं जो पौधों को ऐसे योगीको का उत्पादन करने की अनुमति देते हैं जो मानव शरीर में विटामिन - A में परिवर्तित हो जाते हैं।

6. Genes and traits of interest for crops : - 
[ I ] Agronomic Traits : -
( I.) insect resistance : - एक अत्यधिक मांग वाली विशेषता की प्रतिरोध है। यह विशेषता फसल की कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। और उच्च उपज की अनुमति देती है। इस विशेषता का एक उदाहरण ऐसी फसलें जो मूल रूप से ( बेसिलस यूटिंगिएंसिस ) मैं खोजे गए कीटनाशक प्रोटीन बनाने के लिए अनुवांशिक रूप से इंजीनियर है। बेसिलस यूटिंगिएंसिस एक जीवाणु है जो किट भगाने वाले प्रोटीन का उत्पादन करता है। जो मनुष्य के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होते हैं। इन कीट प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार जीन को अलग कर कई फसलों में पेश किया गया है। जैसे - बीटी - मकई इसके अतिरिक्त लोबिया, सूरजमुखी, सोयाबीन, टमाटर, तंबाकू, अखरोट, गन्ना और चावल सभी का बीटी के संबंध में अध्ययन किया जा रहा है।
 ( ii.) Disease resistance - अक्सर फसलें कीड़ों ( जैसे - एफिड्स ) के माध्यम से फैलने वाली बीमारी से पीड़ित होती है। फसल पौधों के बीच रोग फैलाना अविश्वसनीय रूप से कठिन है। और पहले केवल प्रभावित फसल को पूरी तरह से हटा कर ही इसका प्रबंधन किया जाता था। कृषि जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र अनुवांशिक रूप से इंजीनियरिंग वायरस प्रतिरोध के माध्यम से एक समाधान प्रदान करता है। जीई रोग प्रतिरोधी फसलों को विकसित करने में अब कसवा मक्का और शकरकंद शामिल है।
 ( iii.) Temperature Tolerence : - कृषि जैव प्रौद्योगिकी अधिक तापमान की स्थिति में पौधों के लिए एक समाधान भी प्रदान कर सकती है। उपज को अधिकतम करने और फसल की मृत्यु को रोकने के लिए जीन को इंजीनियरिंग किया जा सकता है। जो ठंड और गर्मी सहनशीलता को नियंत्रित करता है।
उदाहरण - पपीते के पेड़ों को गर्म और ठंडे परिस्थितियों के प्रति अधिक सहिणु होने के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित किया गया है।

7. Common GMO Crops : - वर्तमान में USA में खरीदी गई खपत के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों की केवल एक छोटी संख्या उपलब्ध है। USDA ने सोयाबीन, मक्का, केनोला, चुकंदर, पपीता, अल्फाल्फा, कपास, सेब और आलू को मंजूरी दी है। GMO सेब गैर - भुरा सेब है। और ब्राउनिंग विरोधी उपचार की आवश्यकता को समाप्त करते हैं। भोजन की बर्बादी को कम करते हैं। और स्वाद लाते हैं। भारत में बीटी कपास का उत्पादन आसमान छू गया है।

8. Safety testing and government regulations : - America मे Agricultural Biotechnology विनियमन तीन मुख्य सरकारी एजेंसियों के अंतर्गत आता है। कृषि विभाग (USDA), पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, ( ईपीए ), और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ( एफडीए )! 
1.USDA,     2.EPA,    3.FDA

9. Reference : - Agricultural research institute 1985,
* Anderson , C.J. 1984, Blumenthal, D.M. Gluck, K.S. Louis, and D. Bonnen, J.J. 1983, Historical.
* Kiesler , S. 1985,
* Hightower , J. 1973.