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application of biotechnology in agriculture

Synopsis:
1. Introduction of biotechnology
2. Definition of biotechnology
3.  History
4.  Crop modification techniques
5. Improved nutritional content
6.  Genes and traits of interest for crops
7. Common GMO crops
8 . Safety testing and government regulation.
9. Conclusion
10. Reference

1. Introduction : - Biotechnology एक ऐसी technology है जो सिर्फ प्रयोगशाला में reasearch तक सीमित नहीं हैं। बल्कि इसमें जैविक पदार्थों, पेड़-पौधे, जीव जंतु आदि के माध्यम से New technology का प्रयोग करके विभिन्न खाद्य – पदार्थों, औषधि एवं ऐसी किस्म की प्रजातियां या बीज पैदा करना होता है। जिसके माध्यम से कम लागत में ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो।

2. Definition : - Bio यानी जीवीत प्रणाली और Technology मतलब तकनीक। इसके मुताबिक Biotecnology का मतलब है - जीवित प्राणियों पर तकनीक का इस्तेमाल करना होता है।
            इसे निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं -
  “ किसी विशेष उत्पादों या पदार्थों को विकसित करने या बनाने के लिए जीवित प्रणालियों और जीवो का उपयोग किया जाता है। जिसे Biotechnology कहते है।
Biotechnology को हिंदी में जैव प्रौद्योगिकी कहा जाता है। 
दुसरे शब्दो में -
                       “ जैविक कारकों अथवा उनके घटकों के उपयोग द्वारा लाभदायक उत्पादों को औद्योगिक स्तर पर प्राप्त करना है Biotechnology कहते है।”
इसी प्रकार - 
                   सुक्ष्मजीवों जैसे जीवाणु, शैवाल, कवक व  यीस्ट तथा पादप एवं जंतु कोसिकाओ, कोसीकांगो अथवा उत्तको आदि में से किसी भी जीवित तंत्र को मानव समाज के लिए उपयोगी उत्पादों को औद्योगिक स्तर पर प्राप्त करने की प्रक्रिया को जैव प्रौद्योगिकी या Biotechnology कहते हैं ।
 * Agricultural Biotechnology : - Agricultural Biotechnology , जिसे एग्रीटेक के रूप में भी जाना जाता है। कृषि विज्ञान का एक क्षेत्र है। जिसमें जीवित जीवो को संशोधित करने के लिए अनुवांशिक इंजीनियरिंग, आणविक मार्कर, आणविक निदान उत्तक संस्कृति सहित वैज्ञानिक, उपकरणों सहित और तकनीकों का उपयोग शामिल है।
पौधे, जानवर और सूक्ष्मजीव, फसल आदि तथा जैव प्रौद्योगिकी कृषि भी Biotechnology का एक पहलू है। जिसे फिलहाल के दिनों में बहुत विकसित किया गया है। इनमें किसी एक विशेष प्रजाति से दूसरी प्रजाति को उत्पन्न किया जाता है। इन ट्रांसजिन फसलों में स्वाद, फूलों का रंग, प्रतिरोध क्षमता आदि विशेषताएं पाई जाती है।

3.  History : - वांछित लक्षण पैदा करने के लिए किसानों ने हजारों वर्षों से चुनिंदा प्रजनन के माध्यम से पौधों और जानवरों में हेरफेर किया। 20 वी शताब्दी मे Technology मैं वृद्धि के परिणामस्वरुप बढ़ी हुई उपज, कीट प्रतिरोध, सुखा प्रतिरोध और शाकनाशी प्रतिरोध जैसे लक्षणों के चयन के माध्यम से कृषि Biotechnology मे वृद्धि हुई।Biotechnology के माध्यम से उत्पादित पहल खाद्य उत्पाद 1990 में बेचा गया था और 2003 तक 7 मिलियन किसान Biotech फसलों का उपयोग कर रहे हैं इनमें से 85% से अधिक किसान विकासशील देशों में स्थित है।

4. Crop Modification Technology : -
 ( i.) Traditional breeding : - Traditional cross breeding का उपयोग सदियों से फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के लिए किया जाता है। माता पिता के वांछित लक्षणों के साथ एक नई और विशेष किस्म cross breeding बनाने के लिए दो योन संगत प्रजातियों को जोड़ती है।
उदाहरण : - ‘ हनिक्रिस्प सेब ‘
हनिक्रिस्प सेब अपने माता-पिता के cross breeding के कारण एक विशिष्ट बनावट और स्वाद प्रदर्शित करता है।
 ( ii.) Mutagenesis : - उत्परिवर्तन किसी भी जीव के DNA मैं बेतरतीब ढंग से हो सकता है फसलों के भीतर विविधता पैदा करने के लिए वैज्ञानिक असीमित ढंग से पौधों के अंदर उत्परिवर्तन उत्पन्न कर सकता है। फसलों को बदलने के लिए परमाणु उद्यान का प्रयोग किया जाता है। एक रेडियोधर्मी कोर एक गोलाकार बगीचे के केंद्र में स्थित होता है। और एक निश्चित दायरे के भीतर उत्परिवर्तन पैदा करते हुए आसपास की फसलों को विकिर्ण करने के लिए जमीन से ऊपर उठाया जाता है।
 ( iii.) Polyploidy : - Polyploidy को एक फसल में गुणसूत्रों की संख्या को संशोधित करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। ताकि उसकी उर्वरता और आकार को प्रभावित किया जा सके आमतौर पर जीवो में गुणसूत्रों के दो सेट होते हैं। जो द्विगुणित के रूप में जाना जाता है। कि या तो स्वाभाविक रूप से या रसायनों के उपयोग के माध्यम से गुणसूत्रों की संख्या बदली जा सकती है। जिसके परिणाम स्वरूप प्रजनन क्षमता में परिवर्तन या फसल के आकार में संशोधन हो सकता है। इस तरह से बीच रहीत तरबूज बनाए या उत्पन्न किए जा सकते हैं।
उदाहरण - एक 4 सेट Chromosome तरबूज को 2 - सेट Chromosome तरबूज के साथ Cross यह जाता है। ताकि Chromosome के तीन सेट के साथ एक बांझ (बीज रहित) तरबूज बनाया जा सके।
( iv.) Protoplast fusion : - Protoplast fusion प्रजातियों जातियों के बीच लक्षणों को स्थानांतरित करने के लिए कोशिकाओं या कोशिका घटकों का जुड़ना है।
उदाहरण - नर बंदिता का लक्षण मूली से लाल गोभी में protoplast सलयान द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। यह नरपत देता पादप प्रजनन को को सुनकर फसलें बनाने में मदद करती है।
 Transgenics : - Transgenics मे नए जिन को मूल जिओ में पेश करने के लिए दूसरे जीव के DNA में DNA के टुकड़े को सम्मिलित करना शामिल है एक जीव की अनुवांशिक सामग्री में जीनों का यह साथ वांछित लक्षणों के साथ एक नई किस्म बनाता है।
उदाहरण - इंद्र्धनुस पपीता ।
                                       जिसे एक जीन के साथ संशोधित किया जाता है। जो इसे पपीता रिंगस्पॉट वायरस का प्रतिरोध देता है।
( v.) Genome editing : - Genone संपादन कोशिका के भीतर सीधे DNA को संशोधित करने के लिए एक एंजाइम प्रणाली का उपयोग है किसानों को खरपतवारो को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए Genome editing का उपयोग हर्बिसाईड प्रतिरोधी केनोला विकसित करने के लिए किया जाता है।

5. Improved Nutritional Content : - बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के प्रयास में विभिन्न प्रकार की फसलों की पोषण सामग्री में सुधार के लिए Agricultural Biotechnology का उपयोग किया जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग विटामिन की उच्च सांद्रता वाली फसलों का उत्पादन कर सकती है।
उदाहरण - गोल्डन राइस में तीन जिन होते हैं जो पौधों को ऐसे योगीको का उत्पादन करने की अनुमति देते हैं जो मानव शरीर में विटामिन - A में परिवर्तित हो जाते हैं।

6. Genes and traits of interest for crops : - 
[ I ] Agronomic Traits : -
( I.) insect resistance : - एक अत्यधिक मांग वाली विशेषता की प्रतिरोध है। यह विशेषता फसल की कीटों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। और उच्च उपज की अनुमति देती है। इस विशेषता का एक उदाहरण ऐसी फसलें जो मूल रूप से ( बेसिलस यूटिंगिएंसिस ) मैं खोजे गए कीटनाशक प्रोटीन बनाने के लिए अनुवांशिक रूप से इंजीनियर है। बेसिलस यूटिंगिएंसिस एक जीवाणु है जो किट भगाने वाले प्रोटीन का उत्पादन करता है। जो मनुष्य के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होते हैं। इन कीट प्रतिरोध के लिए जिम्मेदार जीन को अलग कर कई फसलों में पेश किया गया है। जैसे - बीटी - मकई इसके अतिरिक्त लोबिया, सूरजमुखी, सोयाबीन, टमाटर, तंबाकू, अखरोट, गन्ना और चावल सभी का बीटी के संबंध में अध्ययन किया जा रहा है।
 ( ii.) Disease resistance - अक्सर फसलें कीड़ों ( जैसे - एफिड्स ) के माध्यम से फैलने वाली बीमारी से पीड़ित होती है। फसल पौधों के बीच रोग फैलाना अविश्वसनीय रूप से कठिन है। और पहले केवल प्रभावित फसल को पूरी तरह से हटा कर ही इसका प्रबंधन किया जाता था। कृषि जैव प्रौद्योगिकी का क्षेत्र अनुवांशिक रूप से इंजीनियरिंग वायरस प्रतिरोध के माध्यम से एक समाधान प्रदान करता है। जीई रोग प्रतिरोधी फसलों को विकसित करने में अब कसवा मक्का और शकरकंद शामिल है।
 ( iii.) Temperature Tolerence : - कृषि जैव प्रौद्योगिकी अधिक तापमान की स्थिति में पौधों के लिए एक समाधान भी प्रदान कर सकती है। उपज को अधिकतम करने और फसल की मृत्यु को रोकने के लिए जीन को इंजीनियरिंग किया जा सकता है। जो ठंड और गर्मी सहनशीलता को नियंत्रित करता है।
उदाहरण - पपीते के पेड़ों को गर्म और ठंडे परिस्थितियों के प्रति अधिक सहिणु होने के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित किया गया है।

7. Common GMO Crops : - वर्तमान में USA में खरीदी गई खपत के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों की केवल एक छोटी संख्या उपलब्ध है। USDA ने सोयाबीन, मक्का, केनोला, चुकंदर, पपीता, अल्फाल्फा, कपास, सेब और आलू को मंजूरी दी है। GMO सेब गैर - भुरा सेब है। और ब्राउनिंग विरोधी उपचार की आवश्यकता को समाप्त करते हैं। भोजन की बर्बादी को कम करते हैं। और स्वाद लाते हैं। भारत में बीटी कपास का उत्पादन आसमान छू गया है।

8. Safety testing and government regulations : - America मे Agricultural Biotechnology विनियमन तीन मुख्य सरकारी एजेंसियों के अंतर्गत आता है। कृषि विभाग (USDA), पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, ( ईपीए ), और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ( एफडीए )! 
1.USDA,     2.EPA,    3.FDA

9. Reference : - Agricultural research institute 1985,
* Anderson , C.J. 1984, Blumenthal, D.M. Gluck, K.S. Louis, and D. Bonnen, J.J. 1983, Historical.
* Kiesler , S. 1985,
* Hightower , J. 1973.

 



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