तंत्रिका तंत्र (Nervous system): मानव शरीर का नियंत्रण केंद्र
परिचय
तंत्रिका तंत्र (Nervous System) मानव शरीर का सबसे जटिल और महत्वपूर्ण तंत्र है, जो शरीर के सभी कार्यों का नियंत्रण और समन्वय करता है। यह तंत्र हमारे शरीर को बाहरी और आंतरिक परिवर्तनों के प्रति प्रतिक्रिया देने में सहायता करता है। यह संवेदी सूचनाओं को ग्रहण करता है, उनकी व्याख्या करता है और उचित प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है।
तंत्रिका तंत्र की संरचना (structure of nervous system)
तंत्रिका तंत्र मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित होता है:
1. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System - CNS)
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क (Brain) और मेरुदंड (Spinal Cord) शामिल होते हैं।
- मस्तिष्क: यह शरीर का मुख्य नियंत्रण केंद्र है, जो विचार, स्मरण शक्ति, भावना, संज्ञानात्मक कार्यों, और शरीर के विभिन्न क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है।
- मेरुदंड: यह शरीर और मस्तिष्क के बीच सूचनाओं के संचार का कार्य करता है। यह एक प्रमुख संरचना है, जो प्रतिक्रिया क्रियाओं (Reflex Actions) को भी नियंत्रित करता है।
2. परिधीय तंत्रिका तंत्र (Peripheral Nervous System - PNS)
परिधीय तंत्रिका तंत्र में सभी तंत्रिकाएँ शामिल होती हैं, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शरीर के अन्य भागों से जोड़ती हैं। इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है:
- स्वैच्छिक तंत्रिका तंत्र (Somatic Nervous System): यह मांसपेशियों की गति और संवेदी सूचनाओं को नियंत्रित करता है।
- स्वायत्त तंत्रिका तंत्र (Autonomic Nervous System): यह अनैच्छिक क्रियाओं जैसे हृदय गति, पाचन, और श्वसन को नियंत्रित करता है। यह दो भागों में विभाजित होता है:
- सहानुभूति तंत्र (Sympathetic Nervous System): यह तनाव या आपातकालीन परिस्थितियों में सक्रिय होता है।
- पैरासिम्पेथेटिक तंत्र (Parasympathetic Nervous System): यह शरीर को सामान्य अवस्था में लाने और विश्राम करने में सहायता करता है।
तंत्रिका तंत्र का कार्य ( functions of nervous system)
तंत्रिका तंत्र के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- संवेदी इनपुट (Sensory Input): यह बाहरी और आंतरिक पर्यावरण से सूचनाओं को ग्रहण करता है।
- सूचना प्रसंस्करण (Information Processing): मस्तिष्क और मेरुदंड द्वारा सूचनाओं की व्याख्या की जाती है।
- प्रतिक्रिया उत्पन्न करना (Motor Output): शरीर के अंगों को आवश्यक प्रतिक्रिया देने का संकेत भेजा जाता है।
- होमियोस्टेसिस बनाए रखना (Maintaining Homeostasis): यह शरीर के आंतरिक वातावरण को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
तंत्रिका कोशिकाएँ (न्यूरॉन्स) और उनकी भूमिका
तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली न्यूरॉन्स (Neurons) नामक विशेष कोशिकाओं पर आधारित होती है। न्यूरॉन्स निम्नलिखित भागों से मिलकर बने होते हैं:
- डेंड्राइट्स (Dendrites): ये संवेदी संकेतों को ग्रहण करते हैं।
- कोशिका निकाय (Cell Body): यह न्यूरॉन का मुख्य भाग होता है, जिसमें नाभिक स्थित होता है।
- ऐक्सॉन (Axon): यह विद्युत संकेतों को न्यूरॉन से अन्य कोशिकाओं तक पहुंचाने का कार्य करता है।
- सिनेप्स (Synapse): यह न्यूरॉन्स के बीच सूचनाओं के संचार का स्थान होता है।
तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोग (Related Disease )
तंत्रिका तंत्र कई बीमारियों से प्रभावित हो सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं:
- पार्किंसंस रोग (Parkinson's Disease): यह एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो डोपामाइन की कमी के कारण होता है।
- अल्जाइमर (Alzheimer's Disease): यह एक स्मृतिभ्रंश (Dementia) रोग है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है।
- मिर्गी (Epilepsy): यह एक तंत्रिका विकार है, जिसमें व्यक्ति को दौरे (Seizures) आते हैं।
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis): इसमें तंत्रिका कोशिकाओं के चारों ओर माइलिन शीथ नष्ट हो जाती है, जिससे संचार प्रणाली प्रभावित होती है।
- स्ट्रोक (Stroke): यह तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त प्रवाह में रुकावट होती है, जिससे कोशिकाएँ क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने के उपाय
- संतुलित आहार: विटामिन बी12, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम: योग और ध्यान से मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- पर्याप्त नींद: 7-8 घंटे की नींद तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखती है।
- तनाव प्रबंधन: ध्यान और संगीत तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
- नशे से बचाव: धूम्रपान और शराब से तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
निष्कर्ष
तंत्रिका तंत्र मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण तंत्रों में से एक है, जो पूरे शरीर को नियंत्रित करता है और उसके समुचित कार्य को सुनिश्चित करता है। इसके संतुलित और स्वस्थ रहने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और सही आहार लेकर हम अपने तंत्रिका तंत्र को मजबूत और क्रियाशील बनाए रख सकते हैं।