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माइटोसिस (Mitosis) और मियोसिस (Meiosis) में अंतर

  1. माइटोसिस (Mitosis) और मियोसिस (Meiosis) में अंतर


विशेषता

माइटोसिस (Mitosis)

मियोसिस (Meiosis)

परिभाषा

यह एक प्रकार का कोशिका विभाजन है, जिसमें एक मूल कोशिका दो समान संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है।

यह एक प्रकार का कोशिका विभाजन है, जिसमें एक मूल कोशिका चार असमान संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है।

कोशिकाओं का प्रकार

यह शरीर की सामान्य कोशिकाओं (Somatic Cells) में होता है।

यह यौन प्रजनन कोशिकाओं (Gametes - शुक्राणु और अंडाणु) में होता है।

संतति कोशिकाओं की संख्या

2 कोशिकाएँ बनती हैं।

4 कोशिकाएँ बनती हैं।

गुणसूत्रों की संख्या

संतति कोशिकाएँ डिप्लॉइड (2n) होती हैं, यानी मूल कोशिका के समान गुणसूत्र संख्या होती है।

संतति कोशिकाएँ हैप्लॉइड (n) होती हैं, यानी मूल कोशिका की तुलना में आधे गुणसूत्र होते हैं।

अनुवांशिक समानता

संतति कोशिकाएँ आनुवंशिक रूप से एक समान होती हैं।

संतति कोशिकाएँ आनुवंशिक रूप से भिन्न होती हैं।

विभाजन के चरण

इसमें एक बार विभाजन (Single Division) होता है।

इसमें दो बार विभाजन (Meiosis I और Meiosis II) होता है।

उद्देश्य

शरीर की वृद्धि, ऊतक मरम्मत और सामान्य कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में सहायक।

यौन प्रजनन में गामेट निर्माण और आनुवंशिक विविधता उत्पन्न करने के लिए आवश्यक।

निष्कर्ष

  • माइटोसिस शरीर की वृद्धि और ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक है।
  • मियोसिस आनुवंशिक विविधता और यौन प्रजनन में सहायक होता है।

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