Translate

कोशिका विभाजन (Cell Division)

कोशिका विभाजन (Cell Division) – सरल एवं विस्तृत जानकारी

कोशिका विभाजन (Cell Division) एक महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक कोशिका दो या अधिक नई कोशिकाओं में विभाजित होती है। यह जीवों की वृद्धि, विकास, ऊतकों की मरम्मत और प्रजनन के लिए आवश्यक होता है। 


कोशिका विभाजन के प्रकार

कोशिका विभाजन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:

1. माइटोसिस (Mitosis) – सामान्य कोशिका विभाजन

माइटोसिस वह प्रक्रिया है जिसमें एक मूल कोशिका दो समान (Identical) संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है। यह विभाजन शरीर की सामान्य कोशिकाओं (Somatic Cells) में होता है।


माइटोसिस की विशेषताएँ:

✔ एक कोशिका से दो नई कोशिकाएँ बनती हैं।
✔ संतति कोशिकाएँ मूल कोशिका के समान पूर्ण (Diploid - 2n) गुणसूत्र रखती हैं।
✔ शरीर की वृद्धि, ऊतक मरम्मत और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है।

माइटोसिस की अवस्थाएँ:

  1. इंटरफेज (Interphase): कोशिका विभाजन की तैयारी होती है, और डीएनए डुप्लिकेट होता है।

  2. प्रोफेज (Prophase): गुणसूत्र (Chromosomes) गाढ़े और दृश्यमान होते हैं।

  3. मेटाफेज (Metaphase): गुणसूत्र कोशिका के केंद्र में पंक्तिबद्ध हो जाते हैं।

  4. एनेफेज (Anaphase): गुणसूत्रों का विभाजन होता है और वे विपरीत ध्रुवों की ओर खिंचते हैं।

  5. टेलोफेज (Telophase) और साइटोकाइनेसिस (Cytokinesis): कोशिका दो भागों में बँट जाती है और दो नई कोशिकाएँ बनती हैं।


2. मियोसिस (Meiosis) – यौन प्रजनन के लिए विभाजन

मियोसिस वह प्रक्रिया है जिसमें एक कोशिका चार गैर-समान (Genetically Different) संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है। यह विभाजन केवल यौन प्रजनन कोशिकाओं (Gametes - शुक्राणु और अंडाणु) में होता है।

मियोसिस की विशेषताएँ:

✔ संतति कोशिकाएँ मूल कोशिका की तुलना में आधे (Haploid - n) गुणसूत्र रखती हैं।
✔ यह विभाजन आनुवंशिक विविधता (Genetic Variation) लाने में मदद करता है।
✔ यौन प्रजनन (Sexual Reproduction) के लिए आवश्यक है।

मियोसिस की अवस्थाएँ:

मियोसिस दो चरणों में पूरा होता है – मियोसिस I और मियोसिस II

  1. मियोसिस I: गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है (Reduction Division)।

  2. मियोसिस II: यह माइटोसिस जैसा होता है, जिसमें चार नई कोशिकाएँ बनती हैं।


कोशिका विभाजन का महत्व

जीवों की वृद्धि और विकास में सहायक
पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत (Healing & Regeneration)
यौन प्रजनन में गामेट्स (Gametes) के निर्माण में सहायक
आनुवंशिक जानकारी (Genetic Information) को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने में मददगार


निष्कर्ष

कोशिका विभाजन जीवों के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है, जो न केवल शरीर की वृद्धि और ऊतक मरम्मत में सहायक होती है बल्कि यौन प्रजनन और आनुवंशिक विविधता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। माइटोसिस शरीर की सामान्य कोशिकाओं के विभाजन के लिए आवश्यक होता है, जबकि मियोसिस यौन प्रजनन कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।

Difference between eukaryotic cell and prokaryotic cell


NO

Eukaryotic Cell

Prokaryotic cell

1

ये कोशिकाएँ जटिल होती हैं और पौधों, जानवरों, कवकों (fungi) और प्रोटिस्टा जैसे जीवों में पाई जाती हैं।

ये सरल  कोशिकाएँ एकल-कोशिकीय (unicellular) जीवों में पाई जाती हैं।

 

2

साइटोप्लाज्म उपस्थित नहीं होता है।

साइटोप्लाज्म उपस्थित होता है।

3

न्यूक्लियस (Nucleus) उपस्थित होता है।

इनमें कोई न्यूक्लियस नहीं होता। उनका आनुवंशिक पदार्थ न्यूक्लियॉइड के रूप में कोशिका के अंदर नंगे रूप में मौजूद होता है।

4

झिल्ली-बद्ध ऑर्गेनेल्स होते हैं।

झिल्ली-बद्ध ऑर्गेनेल्स नहीं होते

5

इनकी कोशिकाएँ बड़ी होती हैं आकार बड़ा (10-100 µm)

इनकी कोशिकाएँ आकार में(1-5 µm)छोटी होती हैं

6

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) उपस्थित होता है।

माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) उपस्थित नहीं होता है।

7

एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (ER) उपस्थित होता है।

एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (ER) उपस्थित नहीं होता है।

8

गोल्जी उपकरण (Golgi Apparatus उपस्थित होता है।

गोल्जी उपकरण (Golgi Apparatus उपस्थित नहीं होता है।

9

लाइसोजोम (Lysosome) उपस्थित होता है।

लाइसोजोम (Lysosome) उपस्थित नहीं होता है।

10

विभाजन माइटोसिस (Mitosis) /मियोसिस (Meiosis) द्वारा होता है।

विभाजन बाइनरी फिजन (Binary Fission) द्वारा होता है।

11

उदाहरण: पौधे, जानवर, कवक

उदाहरण: बैक्टीरिया, आर्किया