आनुवंशिकी और विकास (Genetics and Evolution)
1. आनुवंशिकी (Genetics):
आनुवंशिकी वह विज्ञान है जो लक्षणों (traits) को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचरण (inheritance) और विविधता (variation) को दर्शाता है और अध्ययन करने में मदद करता है।
मेंडल के नियम (Mendel’s Laws):
प्रभाविता का नियम (Law of Dominance)
- द्वितीय विभाजन का नियम (Law of Independent Assortment)
संयोजन का नियम (Law of Segregation)
DNA और गुणसूत्र (Chromosomes):
- DNA आनुवंशिक जानकारी वहन करता है।
- जीन (Genes) DNA के छोटे खंड होते हैं जो विशेष लक्षणों को नियंत्रित करते हैं।
2. विकास (Evolution):
विकास (Evolution) एक धीमी जैविक प्रक्रिया हैं। जिसमें जीवों के लक्षणों में समय के साथ परिवर्तन आता है।उनमें विकास और वृद्धि होती गई, जिससे नई प्रजातियाँ उत्पन्न हुई।
प्राकृतिक चयन (Natural Selection) – चार्ल्स डार्विन के अनुसार:
- अनुकूल जीव जीवित रहते हैं और अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाते हैं।
- अनुपयोगी संरचनाएँ (जैसे व्हेल में पिछले अंग) विलुप्त हो जाती हैं।
- जैसे मानव में अपेंडिक्स एक अवशेषी अंग है।
साक्ष्य (Evidences of Evolution):
- जीवाश्म (Fossils)
- संरचनात्मक समानता (Homologous & Analogous Organs)
- भ्रूणीय विकास (Embryological Evidence)
महत्व:
- आनुवंशिकी जीवन की विविधता को समझने में मदद करता है।
- विकास हमें यह बताता है कि पृथ्वी पर विभिन्न जीव कैसे अस्तित्व में आए।
- अनुवांशिकी विकास के साथ ही नए-नए अनुसंधान कार्य हुए।
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