डीएनए लाइब्रेरी (DNA Library) और इसका निर्माण विधि
डीएनए लाइब्रेरी क्या है?
डीएनए लाइब्रेरी एक संग्रह (collection) होती है जिसमें किसी जीव के पूरे जीनोम (genome) या विशेष जीनों के डीएनए अंश (fragments) को एक वेक्टर में क्लोन करके संग्रहीत किया जाता है। इसे जेनेटिक सूचना का भंडार भी कहा जाता है, जिसका उपयोग जीन क्लोनिंग, जीन अनुक्रमण (sequencing) और आनुवंशिक शोध में किया जाता है।
डीएनए लाइब्रेरी के प्रकार (Types of DNA Library)
1. जीनोमिक डीएनए लाइब्रेरी (Genomic DNA Library)
✅ इसमें किसी जीव के पूरे जीनोम का डीएनए छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर क्लोन किया जाता है।
✅ यह कोडिंग (coding) और नॉन-कोडिंग (non-coding) दोनों डीएनए को संग्रहीत करता है।
✅ उपयोग: जीनोम मैपिंग, जेनेटिक इंजीनियरिंग, नई जीन पहचानने के लिए।
2. सीडीएनए लाइब्रेरी (cDNA Library)
✅ इसमें केवल कोडिंग डीएनए (mRNA से बने) टुकड़े संग्रहीत होते हैं।
✅ यह लाइब्रेरी mRNA के रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन (Reverse Transcription) द्वारा बनाई जाती है।
✅ उपयोग: जीन अभिव्यक्ति (gene expression), प्रोटीन संश्लेषण अध्ययन, दवा विकास।
डीएनए लाइब्रेरी का निर्माण (Construction of DNA Library)
A. जीनोमिक डीएनए लाइब्रेरी निर्माण विधि (Genomic DNA Library Construction Method)
चरण 1: जीनोमिक डीएनए निष्कर्षण (Genomic DNA Extraction)
✅ किसी जीव की कोशिकाओं से डीएनए को अलग किया जाता है।
✅ इसके लिए फेनोल-क्लोरोफॉर्म विधि (Phenol-Chloroform Method) या CTAB विधि का उपयोग किया जाता है।
चरण 2: डीएनए टुकड़ों में विभाजन (Fragmentation of DNA)
✅ डीएनए को छोटे टुकड़ों में विभाजित करने के लिए प्रतिबंधक एंजाइम (Restriction Enzymes) का उपयोग किया जाता है।
✅ उदाहरण: EcoRI, HindIII, BamHI।
चरण 3: वेक्टर में डीएनए जोड़ना (Insertion into Vector)
✅ कटे हुए डीएनए टुकड़ों को प्लास्मिड, बैक्टीरियोफेज, या YAC (Yeast Artificial Chromosome) में जोड़ा जाता है।
✅ लिगेज एंजाइम (Ligase Enzyme) का उपयोग कर डीएनए को वेक्टर में जोड़ा जाता है।
चरण 4: होस्ट सेल में ट्रांसफॉर्मेशन (Transformation into Host Cell)
✅ वेक्टर को बैक्टीरिया (E. coli) या यीस्ट कोशिकाओं में प्रविष्ट कराया जाता है।
✅ यह बैक्टीरिया डीएनए की अनगिनत प्रतियां (replication) बनाता है।
चरण 5: लाइब्रेरी स्क्रीनिंग (Library Screening)
✅ सही क्लोन को खोजने के लिए हाइब्रिडाइजेशन (Hybridization), पीसीआर (PCR), और ब्लॉटिंग तकनीकें अपनाई जाती हैं।
B. cDNA लाइब्रेरी निर्माण विधि (cDNA Library Construction Method)
चरण 1: mRNA निष्कर्षण (mRNA Extraction)
✅ कोशिकाओं से mRNA को अलग किया जाता है, क्योंकि यह केवल कोडिंग जीन को दर्शाता है।
चरण 2: cDNA संश्लेषण (cDNA Synthesis using Reverse Transcriptase)
✅ रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस एंजाइम (Reverse Transcriptase Enzyme) की मदद से mRNA से cDNA बनाया जाता है।
चरण 3: डबल-स्ट्रैंडेड cDNA बनाना (Double-Stranded cDNA Formation)
✅ cDNA को DNA पॉलिमरेज़ एंजाइम की मदद से डबल-स्ट्रैंडेड बनाया जाता है।
चरण 4: वेक्टर में जोड़ना (Insertion into Vector)
✅ तैयार cDNA को प्लास्मिड या बैक्टीरियोफेज में जोड़ा जाता है।
चरण 5: होस्ट सेल में ट्रांसफॉर्मेशन और स्क्रीनिंग (Transformation & Screening)
✅ वेक्टर को E. coli या यीस्ट में प्रविष्ट किया जाता है।
✅ सही क्लोन को खोजने के लिए हाइब्रिडाइजेशन, पीसीआर, और ब्लॉटिंग तकनीकें अपनाई जाती हैं।
डीएनए लाइब्रेरी के अनुप्रयोग (Applications of DNA Library)
✅ 1. जीन क्लोनिंग (Gene Cloning)
- किसी भी विशेष जीन को अलग करने और क्लोन करने के लिए।
✅ 2. आनुवंशिक बीमारियों का अध्ययन (Genetic Disease Study)
- जेनेटिक बीमारियों के कारणों का पता लगाने में सहायक।
✅ 3. दवा और वैक्सीन निर्माण (Drug & Vaccine Development)
- नई दवाओं और वैक्सीन के विकास में मदद करता है।
✅ 4. ट्रांसजेनिक जीवों का विकास (Development of Transgenic Organisms)
- आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधे और जानवर बनाने के लिए।
✅ 5. जीन अभिव्यक्ति अध्ययन (Gene Expression Study)
- यह दिखाने के लिए कि कौन से जीन सक्रिय (active) हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें