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वेक्टर के प्रकार (Types of Vectors in Biotechnology) pBR322 प्लास्मिड वेक्टर क्या है?शटल वेक्टर (Shuttle Vector) क्या है?

बायोटेक्नोलॉजी में वेक्टर (Vectors in Biotechnology)

वेक्टर वे डीएनए अणु (DNA molecules) होते हैं जो विदेशी जीन (foreign gene) को किसी होस्ट सेल (host cell) में पहुँचाने का काम करते हैं। वेक्टर का उपयोग जेनेटिक इंजीनियरिंग, जीन थेरेपी, वैक्सीन डेवलपमेंट और रिकॉम्बिनेंट डीएनए तकनीक में किया जाता है।

वेक्टर का मुख्य कार्य:

✅ किसी जीव में नया डीएनए ट्रांसफर (gene transfer) करना।
✅ विदेशी जीन को क्लोन करना और उसका अभिव्यक्ति (expression) कराना।
✅ दवाओं, वैक्सीन और जेनेटिक बीमारियों के इलाज में मदद करना।

वेक्टर के प्रकार (Types of Vectors in Biotechnology)

1. प्लास्मिड वेक्टर (Plasmid Vectors)

  • छोटे, गोलाकार डीएनए अणु जो बैक्टीरिया में पाए जाते हैं।
  • स्वतंत्र रूप से प्रतिकृति (replication) कर सकते हैं।
  • जीन क्लोनिंग, प्रोटीन उत्पादन और जीन अभिव्यक्ति (gene expression) के लिए उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: pBR322, pUC19

pBR322 प्लास्मिड वेक्टर क्या है?

pBR322 बायोटेक्नोलॉजी में सबसे पुराना और व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला प्लास्मिड वेक्टर है। इसे Bolivar और Rodriguez ने 1977 में विकसित किया था, इसलिए इसका नाम pBR322 रखा गया। यह एक रिकॉम्बिनेंट डीएनए वेक्टर है, जिसका उपयोग जीन क्लोनिंग और जेनेटिक इंजीनियरिंग में किया जाता है।


pBR322 की विशेषताएँ (Features of pBR322)

छोटा और कॉम्पैक्ट (Small and Compact) – इसका आकार लगभग 4361 बेस पेयर (bp) है।
दो एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीन (Two Antibiotic Resistance Genes)

  • ampR (Ampicillin Resistance) – एंपिसिलिन प्रतिरोधी जीन।
  • tetR (Tetracycline Resistance) – टेट्रासाइक्लिन प्रतिरोधी जीन।
    दो प्रतिबंधक एंजाइम साइट्स (Restriction Sites)
  • PstI एंपिसिलिन प्रतिरोध जीन को काटता है।
  • BamHI और HindIII टेट्रासाइक्लिन प्रतिरोध जीन को काटते हैं।
    ऑरिजिन ऑफ रिप्लिकेशन (Origin of Replication - ori) – जिससे यह बैक्टीरिया में स्वतंत्र रूप से प्रतिकृति (replication) कर सकता है।
    हाई कॉपी नंबर (High Copy Number) – यह बैक्टीरिया के अंदर कई प्रतियों में मौजूद रह सकता है।

pBR322 का कार्य (Functions of pBR322 in Biotechnology)

1. जीन क्लोनिंग (Gene Cloning)

  • किसी भी विदेशी जीन (Foreign Gene) को इसमें जोड़कर बैक्टीरिया में क्लोन किया जा सकता है।

2. चयन (Selection of Recombinant Bacteria)

  • अगर किसी जीन को PstI साइट पर डाला जाए, तो ampicillin resistance खत्म हो जाएगा लेकिन tetracycline resistance रहेगा।
  • इसी तरह, अगर किसी जीन को BamHI या HindIII साइट पर डाला जाए, तो tetracycline resistance खत्म होगा लेकिन ampicillin resistance रहेगा।
  • इससे वैज्ञानिक पहचान सकते हैं कि कौन-सा बैक्टीरिया रिकॉम्बिनेंट डीएनए ले गया है।

3. जीन अभिव्यक्ति (Gene Expression Studies)

  • pBR322 का उपयोग विदेशी जीन की अभिव्यक्ति को समझने के लिए किया जाता है।

4. जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering)

  • इसका उपयोग ह्यूमन इंसुलिन उत्पादन, हार्मोन संश्लेषण और वैक्सीन निर्माण में किया जाता है।

2. वायरल वेक्टर (Viral Vectors)

  • संशोधित वायरस जिनका उपयोग जीन स्थानांतरण (gene transfer) के लिए किया जाता है।
  • जीन थेरेपी में प्रयुक्त होते हैं।
  • प्रकार:
    • रेट्रोवायरल वेक्टर (Retroviral Vectors) – होस्ट जीनोम में जुड़ जाते हैं।
    • एडेनोवायरल वेक्टर (Adenoviral Vectors) – जीनोम में शामिल नहीं होते, लेकिन मजबूत जीन अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं।
    • लेंटिवायरल वेक्टर (Lentiviral Vectors) – दीर्घकालिक जीन अभिव्यक्ति के लिए उपयोगी।

3. बैक्टीरियोफेज वेक्टर (Bacteriophage Vectors)

  • बैक्टीरिया में पाए जाने वाले वायरस (बैक्टीरियोफेज) से प्राप्त।
  • बड़े डीएनए टुकड़ों को क्लोन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: λ (लैम्ब्डा) फेज वेक्टर

4. कॉस्मिड वेक्टर (Cosmid Vectors)

  • प्लास्मिड और बैक्टीरियोफेज λ का मिश्रण।
  • बड़े डीएनए टुकड़े (45kb तक) ले जाने में सक्षम
  • जीनोम मैपिंग और क्लोनिंग में उपयोग किया जाता है।

5. यीस्ट आर्टिफिशियल क्रोमोसोम (YACs - Yeast Artificial Chromosomes)

  • यीस्ट (खमीर) कोशिकाओं में प्रतिकृति करने वाले क्रोमोसोम
  • बहुत बड़े डीएनए टुकड़ों (1Mb तक) को ले जाने में सक्षम।
  • मानव जीनोम अनुक्रमण (Human Genome Sequencing) के लिए उपयोग किया जाता है।

6. बैक्टीरियल आर्टिफिशियल क्रोमोसोम (BACs - Bacterial Artificial Chromosomes)

  • F प्लास्मिड से प्राप्त वेक्टर।
  • 100-300kb तक बड़े डीएनए टुकड़ों को ले जा सकते हैं।
  • जीनोम अनुक्रमण और जेनेटिक स्टडीज में उपयोग किया जाता है।

7. ह्यूमन आर्टिफिशियल क्रोमोसोम (HACs - Human Artificial Chromosomes)

  • सिंथेटिक (कृत्रिम) क्रोमोसोम, जिनका उपयोग जीन थेरेपी में किया जाता है।
  • पूरे जीन और उनके नियंत्रण अनुक्रम (regulatory sequences) को ले जाने में सक्षम।
  • लंबे समय तक जीन अभिव्यक्ति (long-term gene expression) के लिए उपयोग किया जाता है।

शटल वेक्टर (Shuttle Vector) क्या है?

शटल वेक्टर एक डीएनए वेक्टर होता है, जिसे दो अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं (जैसे बैक्टीरिया और यीस्ट) में स्वतंत्र रूप से प्रतिकृति (replication) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे "शटल" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह एक मेजबान से दूसरे में आसान ट्रांसफर कर सकता है।


शटल वेक्टर की विशेषताएँ (Characteristics of Shuttle Vector)

दो स्वतंत्र उत्पत्ति स्थल (Origin of Replication - ORI) – जिससे यह दो अलग-अलग होस्ट में विकसित हो सकता है।
दो प्रकार के चयन चिह्न (Selectable Markers) – ताकि अलग-अलग होस्ट में पहचान की जा सके।
रिकॉम्बिनेंट डीएनए तकनीक में उपयोग – यह आनुवंशिक सामग्री (genetic material) को एक जीव से दूसरे में ले जा सकता है।
जीन क्लोनिंग और अभिव्यक्ति (Gene Cloning & Expression) के लिए उपयोगी।


शटल वेक्टर के प्रकार (Types of Shuttle Vectors)

1. प्लास्मिड-आधारित शटल वेक्टर (Plasmid-Based Shuttle Vector)

  • सामान्यत: बैक्टीरिया और यीस्ट में काम करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं।
  • उदाहरण: YEp (Yeast Episomal Plasmid)।

2. वायरस-आधारित शटल वेक्टर (Virus-Based Shuttle Vector)

  • वायरस से प्राप्त होते हैं और मानव कोशिकाओं या अन्य उच्च जीवों में जीन ट्रांसफर करने में मदद करते हैं।
  • उदाहरण: एडेनोवायरल वेक्टर, लेंटिवायरल वेक्टर

3. फेज-आधारित शटल वेक्टर (Phage-Based Shuttle Vector)

  • बैक्टीरियोफेज (जैसे λ फेज) से प्राप्त होते हैं और बैक्टीरिया में बड़े डीएनए टुकड़े क्लोन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • उदाहरण: λgt11।

शटल वेक्टर के अनुप्रयोग (Applications of Shuttle Vector)

1. जीन क्लोनिंग (Gene Cloning)

  • वैज्ञानिक किसी जीन को बैक्टीरिया में क्लोन कर सकते हैं और फिर उसे यीस्ट या स्तनधारी कोशिकाओं में स्थानांतरित कर सकते हैं।

2. जीन अभिव्यक्ति अध्ययन (Gene Expression Studies)

  • जीन कैसे काम करता है, यह समझने के लिए इसे विभिन्न कोशिकाओं में अभिव्यक्त (express) किया जाता है।

3. वैक्सीन और दवा विकास (Vaccine & Drug Development)

  • वायरस-आधारित शटल वेक्टर का उपयोग वैक्सीन निर्माण और जीन थेरेपी में किया जाता है।

4. आनुवंशिक परिवर्तन (Genetic Modification)

  • शटल वेक्टर का उपयोग करके पौधों और जानवरों में जेनेटिक इंजीनियरिंग की जाती है।


वेक्टर के अनुप्रयोग (Applications of Vectors in Biotechnology)

1. जीन क्लोनिंग (Gene Cloning)

  • वेक्टर का उपयोग किसी विशेष जीन की प्रतियां (copies) बनाने के लिए किया जाता है।
  • उदाहरण: इंसुलिन प्रोडक्शन के लिए रिकॉम्बिनेंट डीएनए तकनीक

2. जीन थेरेपी (Gene Therapy)

  • दोषपूर्ण जीन को बदलने के लिए जीन वेक्टर का उपयोग किया जाता है।
  • उदाहरण: सिकल सेल एनीमिया और कैंसर के इलाज में।

3. वैक्सीन निर्माण (Vaccine Development)

  • वायरल वेक्टर का उपयोग टीकों को विकसित करने के लिए किया जाता है।
  • उदाहरण: COVID-19 वैक्सीन (AstraZeneca, Sputnik V)

4. मानव जीनोम अनुक्रमण (Human Genome Sequencing)

  • BACs और YACs का उपयोग मानव जीनोम को पढ़ने में किया जाता है।
  • उदाहरण: Human Genome Project

5. कैंसर थेरेपी (Cancer Therapy)

  • जीन एडिटिंग और CAR-T सेल थेरेपी में उपयोग होता है।
  • कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर नष्ट करने में मदद करता है।

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