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पोषण (Nutrition) – स्वपोषी और परपोषी

पोषण (Nutrition) – स्वपोषी और परपोषी

परिचय

पोषण (Nutrition) सभी जीवों के लिए आवश्यक एक जैविक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से वे अपने शरीर के लिए ऊर्जा और आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया जीवों के विकास, वृद्धि, चयापचय (Metabolism), और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पोषण मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:

  1. स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition)
  2. परपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)

इस ब्लॉग में, हम इन दोनों प्रकारों की विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition)

क्या है स्वपोषी पोषण?

स्वपोषी पोषण वह प्रक्रिया है, जिसमें जीव अपने भोजन का स्वयं निर्माण करते हैं। इस प्रकार के पोषण में जीव बाहरी स्रोतों (सूर्य के प्रकाश या रासायनिक ऊर्जा) से ऊर्जा प्राप्त करके कार्बनिक पदार्थों का निर्माण करते हैं।

स्वपोषी पोषण के प्रकार

स्वपोषी पोषण दो प्रकार का होता है:

  1. सुविज्ञानीय स्वपोषण (Photosynthetic Autotrophic Nutrition)
  2. रासायनिक स्वपोषण (Chemosynthetic Autotrophic Nutrition)

1.1 सुविज्ञानीय स्वपोषण (Photosynthetic Autotrophic Nutrition)

इस प्रक्रिया में, जीव सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड और जल से अपने लिए भोजन (ग्लूकोज) का निर्माण करते हैं। इसे प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कहा जाता है।

समीकरण:

6CO2+6H2OSunlight+ChlorophyllC6H12O6+6O26CO_2 + 6H_2O \xrightarrow{Sunlight + Chlorophyll} C_6H_{12}O_6 + 6O_2

उदाहरण:

  • हरी शैवाल (Green Algae)
  • पौधे (Plants)
  • सायनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria)

1.2 रासायनिक स्वपोषण (Chemosynthetic Autotrophic Nutrition)

इस प्रक्रिया में, कुछ बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव रासायनिक अभिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करके अपने भोजन का निर्माण करते हैं। इन्हें रासायनिक संश्लेषण (Chemosynthesis) कहा जाता है।

उदाहरण:

  • नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले बैक्टीरिया (Nitrosomonas, Nitrobacter)
  • गंधक बैक्टीरिया (Sulfur Bacteria)

2. परपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition)

क्या है परपोषी पोषण?

परपोषी पोषण वह प्रक्रिया है, जिसमें जीव अपने भोजन का निर्माण स्वयं नहीं कर सकते और अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं। यह पोषण जीवों को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करता है।

परपोषी पोषण के प्रकार

परपोषी पोषण तीन प्रकार का होता है:

  1. परजीवी पोषण (Parasitic Nutrition)
  2. सप्रोफाइटिक पोषण (Saprophytic Nutrition)
  3. मांसाहारी, शाकाहारी, सर्वाहारी (Holozoic Nutrition)

2.1 परजीवी पोषण (Parasitic Nutrition)

इसमें जीव अपने पोषण के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं और उनके शरीर से पोषक तत्व प्राप्त करते हैं।

उदाहरण:

  • प्लाज्मोडियम (Plasmodium) – मलेरिया का कारण बनता है।
  • कस्कुटा (Cuscuta) – यह एक पौधों का परजीवी है।
  • जोंक (Leech) – रक्त परजीवी।

2.2 सप्रोफाइटिक पोषण (Saprophytic Nutrition)

इसमें जीव मृत और सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों को विघटित करके पोषण प्राप्त करते हैं।

उदाहरण:

  • फफूंद (Fungi) – जैसे मशरूम और यीस्ट।
  • बैक्टीरिया – जैसे डीकंपोजर बैक्टीरिया।

2.3 मांसाहारी, शाकाहारी, सर्वाहारी (Holozoic Nutrition)

इसमें जीव ठोस भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे वे अपने पाचन तंत्र में पचाते हैं।

उदाहरण:

  • शाकाहारी (Herbivores): गाय, हिरण, खरगोश।
  • मांसाहारी (Carnivores): शेर, बाघ, भेड़िया।
  • सर्वाहारी (Omnivores): मनुष्य, भालू।

स्वपोषी और परपोषी पोषण में अंतर

स्वपोषी और परपोषी पोषण में अंतर

विशेषता स्वपोषी पोषण परपोषी पोषण
भोजन निर्माण स्वयं भोजन बनाते हैं दूसरों पर निर्भर रहते हैं
ऊर्जा स्रोत प्रकाश या रसायन जैविक पदार्थ
उदाहरण पौधे, सायनोबैक्टीरिया मनुष्य, जानवर
पाचन प्रक्रिया आवश्यक नहीं आवश्यक

पोषण का महत्व

  1. ऊर्जा का स्रोत: पोषण से जीवों को ऊर्जा मिलती है, जिससे वे जीवित रह सकते हैं।
  2. विकास और वृद्धि: शरीर की कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत पोषण से संभव होती है।
  3. रोग प्रतिरोधक क्षमता: संतुलित पोषण रोगों से बचाव में सहायक होता है।
  4. पर्यावरण संतुलन: स्वपोषी और परपोषी जीवों का संतुलन पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखता है।

निष्कर्ष

पोषण जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक प्रक्रिया है। स्वपोषी जीव अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं, जबकि परपोषी जीव दूसरों पर निर्भर रहते हैं। यह दोनों प्रकार के पोषण पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित पोषण अत्यंत आवश्यक है।



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