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अनावृतबीजी (Gymnosperms)

अनावृतबीजी (Gymnosperms) – संक्षिप्त व्याख्या

अनावृतबीजी (Gymnosperms) वे पादप होते हैं जिनमें बीज बिना फल के विकसित होते हैं, अर्थात् इनके बीज खुले (नंगे) रहते हैं और फल में संलग्न नहीं होते। ये प्राचीनतम बीजधारी पौधे हैं और मुख्य रूप से शंकुधारी (Coniferous) और सदाबहार (Evergreen) वृक्ष होते हैं।

1. अनावृतबीजी की विशेषताएँ:

बीज नग्न होते हैं – इनमें बीज फल के अंदर नहीं, बल्कि शंकु (Cone) में विकसित होते हैं।
संवहनी ऊतक मौजूद होते हैं – इनमें जाइलम और फ्लोएम पाए जाते हैं, लेकिन फ्लोएम में साथी कोशिकाएँ (Companion Cells) अनुपस्थित रहती हैं।
गैमेटोफाइट अविकसित होता है – इनमें जीवन चक्र में स्पोरॉफाइट (Sporophyte) प्रमुख अवस्था होती है।
नर व मादा शंकु (Cones) होते हैं – नर शंकु पर परागकण (Pollen) और मादा शंकु पर बीजांड (Ovule) विकसित होते हैं।
आमतौर पर बड़े और लंबे वृक्ष होते हैं – इनमें अधिकांश पौधे विशालकाय वृक्ष होते हैं, जैसे देवदार और साइकस।
परागण वायु द्वारा होता है – इनमें अधिकांश परागण (Pollination) वायु के माध्यम से होता है।
शुष्क एवं ठंडे क्षेत्रों में पाए जाते हैं – ये मुख्य रूप से पहाड़ी और ठंडे क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

2. अनावृतबीजी के उदाहरण:

📌 साइकस (Cycas) – ताड़ जैसे पत्तों वाला पौधा
📌 पाइन्स (Pinus) – शंकुधारी वृक्ष, जैसे देवदार
📌 स्प्रूस (Spruce) और फायर (Fir) – ठंडे इलाकों में पाए जाने वाले वृक्ष
📌 जिन्कगो (Ginkgo biloba) – जीवित जीवाश्म (Living Fossil) माना जाता है

3. अनावृतबीजी का महत्व:

🌲 लकड़ी और कागज उद्योग में उपयोगी – पाइन्स और स्प्रूस जैसे वृक्षों की लकड़ी से कागज, फर्नीचर और ईंधन बनाया जाता है।
🌿 औषधीय उपयोग – जिन्कगो बिलोबा का उपयोग दवाओं में किया जाता है।
🏡 सजावटी पौधे – साइकस को बगीचों में सजावटी पौधे के रूप में लगाया जाता है।
🍃 पर्यावरणीय महत्व – ये पौधे वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं।

निष्कर्ष:

अनावृतबीजी वे पौधे हैं जिनमें बीज खुले रहते हैं और फल में संलग्न नहीं होते। ये प्राचीन, विशालकाय, सदाबहार एवं पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण पौधे हैं। 🌿🌲

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